tag:blogger.com,1999:blog-4708831356287334470.post8867196168268891687..comments2023-08-10T08:35:03.633-07:00Comments on सुनो बिहारी: स्वयं में एक मिथक थे डॉ. लोहियाDr. Om Rajputhttp://www.blogger.com/profile/13701805670547389036noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-4708831356287334470.post-24764444703079311822010-10-10T09:41:03.081-07:002010-10-10T09:41:03.081-07:00आज पहली बार आपके ब्लॉग पर आया चिट्ठाजगत की सूचना स...आज पहली बार आपके ब्लॉग पर आया चिट्ठाजगत की सूचना से .<br /><br />करीब करीब सभी पोस्टें पढ़ीं .मैं स्वयं को लोहिया जी का मानस पुत्र मानता हूँ .लोहिया जी एक सम्पूर्ण राजनैतिक ही नहीं भारतीय संस्कृति के गहरे चितेरे थे .मैं भाग्यशाली मानता हूँ खुद को की १३ साल की उम्र में सर पर लोहिया जी का स्नेह सिक्त हाँथ फिरा पाया था और तब से उनके समाजवाद का आजतक सहधर्मी रहा और आज भी लोहिआ का दर्शन और आकलन समीचीन ही है .आजकल ब्लॉग न ज्यादा लिख पा रहा हूँ न पढ़ ही पा रहा हूँ फिर भी आपका लेखन अलग है . <br /><br />मेरे ब्लॉग पर अगर आप ' क्या मैं नेता हूँ ' पोस्ट पढेंगे तो संवाद की डोर जारी रखने में मदद मिले .<br /><br />बहुत कम सार्थक पढने को मिलता है अतः आपसे उम्मीदें भी हैं .<br />शुभकामनाओं के साथ हिंदी ब्लॉग जगत में आपका स्वागत है .RAJ SINHhttps://www.blogger.com/profile/01159692936125427653noreply@blogger.com