नए साल में
देखे तो
और भी
देखने की कोशिश करें।
आँख खुद से बंद न करें।
कोई पूछे
इससे पहले
देखने की घोषणा कर दे।
देखे तो
करीब का भी देखे
दूर का भी।
और
ध्यान रखें कि
हमारे देखने से
दृश्य कदापि न बदले।
2.
हम सुनने लगें
वाकई इस तरह
कि
सुनाने वाले को हो भरोसा
कि
सुन ली गई है हमारी
वाकई।
सुने
तो वही सुने
जो बोला गया हो।
सुने
उसकी भी
जो बोलना चाहता है,
मगर बुदबुदा ही पाता है।
और
उसकी तो जरूर सुने
जिसे
बोलने की मनाही है।
3.
हम बोलने लगें
जितना भी बोलें
उतना तो बोलें।
अपने लिए बोले
मगर
उसके लिए जरूर बोलें।
जिन्होंने आपसे
देखने
सुनने और बोलने
की उम्मीद बना रखी है।
4.
हम बोले कि जरूरी है
अब बोलना।
हम देखे कि जरूरी है
अब देखना।
हम सुने कि जरूरी है
अब सुनना।
बिना पक्ष लिए,
बिना विपक्ष हुए।
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