सोमवार, 16 मई 2011

हँस ले गा ले

हँस ले गा ले
तेरी खुशी मेरे पास
आ ले
गम अपना हो या पराया
कौन पाले
अपनी मस्ती
फुटपाथ पे बसती
बिन चाबी बिन ताले
इस अमीरी पे मैं ही लुटा हूँ
चैन चाहिये तो
खुद को
तू भी लुटा ले

1 टिप्पणी:

  1. बहुत सुन्दर लिखा है- दुखों को भुला ले, सुख को गले लगा ले.... आ हंस ले गा ले.. वाह !

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