शनिवार, 9 अक्टूबर 2010

मंदिर मस्जिद मुद्दे पर आपसी बातचीत से हल निकलने के आसार !!

अयोध्या में मंदिर मस्जिद विवाद से जुड़े तीनों मुख्य पक्षों रामजन्म भूमि ट्रस्ट, हाशिम अंसारी तथा निर्मोही अखाड़ा के बीच शुक्रवार को यहां पहली बार लगभग डेढ़ घंटे तक हुई आपसी बातचीत के बाद दावा किया गया कि मन्दिर-मस्जिद विवादास्पद मुद्दे को आपसी सहमति से हल करने का फॉर्मूला निकाल लिया गया है।

हनुमानगढ़ी के महंत ज्ञानदास के आवास पर शुक्रवार शाम निर्मोही अखाड़े के महंत रामदास, राम जन्मभूमि न्यास के सदस्य रामविलास वेदान्ती तथा हाशिम अंसारी तीनों पक्षों की लगभग डेढ़ घंटे तक हुई आपसी बातचीत के बाद कहा गया कि इस विवादास्पद मन्दिर-मस्जिद मुद्दे का ऐसा फॉर्मूला निकाल लिया गया है जो हिन्दू-मुस्लिम दोनों पक्षों को स्वीकार्य हो।
महंत ज्ञानदास ने अपने आवास पर हुई बैठक के बाद बताया कि शुक्रवार को पहली बार तीनों पक्षों के बीच हुई बातचीत में हम लोगों ने ऐसा प्रयास किया है कि मन्दिर-मस्जिद दोनों की भावनाओं को ध्यान में रखने के साथ-साथ न्यायालय का भी सम्मान करते हुए हमने इस मुद्दे का समाधान हो जाए। लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि वे अभी इस फॉर्मूले का खुलासा नहीं करेंगे।
उन्होंने कहा कि हम ऐसा फॉर्मूला सामने लाना चाहते हैं जिसके चलते हिन्दू मस्जिद निर्माण में कारसेवा करें और मुसलमान राम मन्दिर निर्माण की कारसेवा में लगें।
दास ने कहा कि हाशिम भाई ने मन्दिर-मस्जिद विवाद का सर्वमान्य हल निकाले जाने की जिम्मेदारी मुझे सौंपी थी, शुक्रवार को हम तीनों पक्षकारों को एक साथ एक स्थान पर ले आए हैं और उम्मीद है कि दशकों पुराने इस विवाद का सर्वस्वीकार्य हल भी निकल आयेगा। उन्होंने कहा कि शुक्रवार को तीनों पक्षों की बैठक हनुमानगढ़ी स्थित मेरे उस आवास पर हुई है जहां इसी स्थान पर रोजा हुआ था और यह मुद्दा भी इसी स्थान पर निपट जायेगा।
हाशिम अंसारी ने महंत ज्ञानदास की बात पर सहमति जताते हुए कहा कि मन्दिर-मस्जिद विवाद के सर्वमान्य फॉर्मूले में यदि किसी प्रकार की कमी रह जायेगी और इस बीच कोई भी पक्ष सुप्रीम कोर्ट चला जायेगा तब भी आपसी बातचीत के जरिये हल के प्रयास चलते रहेंगे। अंसारी ने कहा कि मन्दिर-मस्जिद मुद्दे को लेकर बहुत राजनीति हो चुकी अब इस पर राजनीति करने वालों को अपने बीच नहीं आने देंगे। निर्मोही अखाड़े के महंत एवं पंच रामदास ने शुक्रवार को हुई बैठक के बाद कहा कि आज की मुलाकात रंग ला रही है और जो प्रारूप निकाला गया है, उससे हिन्दू-मुस्लिम दोनों पक्षों को कोई आपत्ति नहीं होगी।

निर्मोही अखाड़े के महंत ने कहा कि बहुत खून-खराबा हो गया अब शांति और अमन की बात करनी है और जो फॉर्मूला निकाला गया है, वह शांति-संदेश के रूप में जाना जायेगा। साथ ही साथ उन्होंने राजनैतिक लोगों से कहा कि अब मन्दिर-मस्जिद मुद्दे को लेकर बयानबाजी बंद करें।

राम-जन्मभूमि न्यास के वरिष्ठ सदस्य रामविलास वेदान्ती ने कहा कि मैं आज पहली बार हाशिम अंसारी साहब से मिला हूं और आज हुई बैठक में उनके विचार और बातें सुनकर बहुत प्रसन्नता हुई। वेदान्ती ने कहा कि हनुमानगढ़ी के महंत ज्ञानदास ने मन्दिर-मस्जिद मुद्दे को लेकर जो पहल की है, उससे पूरे देश में हिन्दू और मुसलमानों के बीच खाई पटेगी और कहा कि कुछ राजनैतिक दल षडयंत्र रच रहे हैं मगर उनके मनसूबे सफल नहीं होंगे।
अखिल भारत हिन्दू महासभा तथा सुन्नी सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड पहले ही यह घोषणा कर चुके हैं कि वे हाईकोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट जायेंगे। यह पहला अवसर है कि विवादास्पद स्थल से जुड़े तीनों प्रमुख पक्ष के लोग आज पहली बार एक स्थान पर बैठे और इस मुद्दे का सर्वमान्य हल ढूंढ़ने के पक्ष में विचार-विमर्श की पहल शुरू की है।

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